About अपना कौन है पर हिंदी कविताएं

रखने वाले छुपा के रखते हों हम नहीं रखते।

राष्ट्र, दैनिक जीवन, अपनी संस्कृति, पर्व, राजनीति, रामजी आदि जैसे विषयों पर बहुत ही सरल एवं सहज शैली व शब्दों में लिखित कवितायें, कवियित्रि के चरित्र एवं मन में झाँकने का पर्याप्त अवसर देती हैं। पुस्तक का मूल्य भी बहुत हि कम है, जो कि बढ़िया हि है।

पर तेरी आँखों में उसके लिए लगाव दिख रहा हैं..

गमछों-गमछों पानी भर-भर अंग-अंग पर ढालें।

पर कभी आंसू आने न दूंगा ये वादा करता हूँ।

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किसी को नहीं जानना समझना मेरी भी कुछ चाहत है।

बहता दरिया भी मरुस्थल में more info तब्दील हो गया।

जब प्यार हमारा सच्चा था तो क्यों आंसू बर्बाद करें..

बस यूं ही कट जाएगी ये कोई माने या ना माने !

सुरेश चन्द्र "सर्वहारा" प्रेरणादायक कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

जहाँ में यूँ read more तो होने को बहुत कुछ होता रहता है

सब लोग चले गए, ये मासूम काबुल एयरपोर्ट पर छूट गया. सिर्फ अफगानिस्तान पर नहीं पूरी मानवता पर संकट है, सो कुछ कीजिए या न कीजिए पर इस त्रासदी का मज़ाक मत बनाइए

हमारे शीशे जैसे मोहब्बत को जो तोड़ा था, सोचा था कि हंसना भूल जाऊंगा..

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